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सड़क छाप निकली फिल्म सड़क 2, यह क्या कर रिया महेश भट्ट ने (स्टार 2/5 )

फिल्म : सड़क 2 
कास्ट : संजय दत्त, आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर, मकरंद देशपांडे, जिशू सेनगुप्ता
निर्देशक : महेश भट्ट 
निर्माता :महेश भट्ट, मुकेश भट्ट 
स्टार : 2/5 
समीक्षक : पुष्कर ओझा 
             कई दिनों से कई आलोचनों से विवादों में फसी रही सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद, महेश भट्ट का नाम भी और फिल्म सड़क २ , कइयों ने कहा की फिल्म नहीं देखेंगे, फिल्म को बनेड कर देंगे, बलबला।।।। आखिरकार ओ टी टी प्लेटफार्म पर फिल्म सड़क २ रिलीज़ हो गई, कैसे है यह फिल्म एक नज़र डालते है | 
       फिल्म की कहानी की बात करते हैं रवि किशोर ( संजय दत्त ) मरहूम पत्नी पूजा  ( पूजा भट्ट ) के प्यार में इतना पागल हो गया की वह खुद आत्माहत्या करने की कोशिश करता है पर वह बच जाता है, और उसकी ज़िन्दगी में एक दिन एका एक आर्या ( आलिया भट्ट ) आ जाती है देसाई ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की एकलौती वारिस है, आर्या की माँ की हत्या हो गई है जिसका वह बदला लेने की ठान लेती हैं, वह अभी मात्र 20 साल की हैं 21 होने में अभी कुछ ही समय है और इसी समय आर्य को कैलाश जाना है अपनी माँ की अस्थिओं का विसर्जन करने ,इस आर्या के पिता योगेश (जिशू सेनगुप्ता) और सौतेली मां यानी कि उसकी मौसी नंदिनी मां (प्रियंका बोस) एक ढोंगी धर्मगुरु ज्ञान प्रकाश (मकरंद देशपांडे) के प्रभाव में हैं, आर्या को लगता है की धर्मगुरु ज्ञान प्रकाश के कारण ही उसकी माँ की हत्या हुई , इसी के चलते सोशल प्लेटफॉर्म पर इन ढोंगी धर्मगुरुओ के खिलाफ एक मुहीम शुरू करती हैं , इसी बिच उसकी ज़िन्दगी में विशाल (आदित्य रॉय कपूर) आते जिससे आर्या प्यार कर बैठती हैं | आर्या को अपना 21 व जन्मदिन कैलाश में मनाना हैं, टैक्सी हायर करते है पूजा सर्विस & सेकुरेटी मालिक रवि ( संजय दत्त ) जो लाख मना करने के बाद वह मान जाता हैं और आर्या - विशाल के साथ कैलाश की और रवाना होते है बिच में आर्या अपनी साड़ी कहानी रवि से कहती है जिसके बाद रवि भी उसके मकसद में शामिल हो जाता है | आगे आप फिल्म देख लेना अगर वक़्त हो तो वक़्त निकल कर इस सड़क का रुख न करना | 
अभिनय की बात करते हैं  संजय दत्त का इतना इम्पैकट फुल न तो किरदार था, न कहानी की वह अपना बेस्ट दे सके, आलिया भट्ट के एक दो सीन छोड़ दो तो वह पिता के निर्देशन में खरी नहीं उतर पाई , रहा सवाल आदित्य रॉय कपूर का तो उन्हें स्पेस ही नहीं मिला तो क्या करे, पता नहीं उन्होंने है क्यू हा की फिल्म के लिए , वही ज्ञान प्रकाश के रोल में मकरंद ओवर एक्टिंग करते नज़र आए | बाकी कलाकार ने ठीक ठाक अभिनय किया | 
      निर्देशन की बात करे हैं 1991 में आयी फिल्म सड़क का यह सीक्वल हैं एक लम्बे अंतराल के बाद सड़क २ से महेश भट्ट ने भी निर्देशन की कमान अपने हाथ में ली हैं, इस बार वह पूरी तरह विफल हुए है, न कहानी को ठीक ढंग से दर्शा पाए न अभिनय करवा पाए जबकि उनके पास बाबा, आलिया , मकरंद, जीशु जैसे उम्दा कलाकार थे, शायद कहानी का शयन ठीक से नहीं कर पाए, ढोंगी बाबा , बदला , सौतेली माँ यह सब कई बार कई फिल्मो में हम देख चुके हैं कोई नया पैन परोस नहीं पाए महेश भट्ट | 
        संगीत की बात करे तो शुक्रिया गाना और एक गाना अच्छा है, बाकी संगीत में भी वही पुरानी झलक सुनाई देती है, सड़क के मुकाबले इस फिल्म के गाने याद नहीं रहेंगे , बैकग्रॉउंड संगीत ठीक थक ही हैं | 
   कमज़ोर कड़ी की बात करू तो फिल्म में कमजोर  कड़ी ही कड़ी हैं खुद महेश भट्ट सोच रहे होंगे ही यह क्या कर रिया उन्होंने | 
जैसे की मैंने पहले कहा फिल्म सड़क 2 के लिए वक़्त जाया न करे |